Class 10
अध्याय नाम
इ स पर मेरी माँ भी मुझे बहुत प्यार करती है। वे लंबी और पतली हैं। उनके छोटे-छोटे बाल सदा कानों के पीछे रहते हैं। मेरी माँ चश्मा पहनती हैं।
मेरी माँ राजमाँ-चावल, जलेबी और हलवा बनाकर मुझे खिलाती हैं। वे मुझे सुंदर कपड़े, जूते और खिलौने दिलाती हैं। वे मेरे साथ तरह-तरह के खेल भी खेलती हैं। माँ मेरे मित्रों को भी बिठाकर खूब पकवान खिलाती हैं और फिर हम सबके साथ छुपा-छुप्पी का खेल भी खेलती हैं।
माँ मेरी पढ़ाई का भी ध्यान रखती हैं। वे परीक्षा के समय बहुत सख्ती से मुझे पढ़ाती हैं और अच्छे अंकों पर मुझे शाबाशी देती हैं। माँ ने मुझे कभी नहीं डाँटा। वे सदा प्यार से ही मुझे समझाती हैं।
इ स पर मेरी माँ भी मुझे बहुत प्यार करती है। वे लंबी और पतली हैं। उनके छोटे-छोटे बाल सदा कानों के पीछे रहते हैं। मेरी माँ चश्मा पहनती हैं।
मेरी माँ राजमाँ-चावल, जलेबी और हलवा बनाकर मुझे खिलाती हैं। वे मुझे सुंदर कपड़े, जूते और खिलौने दिलाती हैं। वे मेरे साथ तरह-तरह के खेल भी खेलती हैं। माँ मेरे मित्रों को भी बिठाकर खूब पकवान खिलाती हैं और फिर हम सबके साथ छुपा-छुप्पी का खेल भी खेलती हैं।
माँ मेरी पढ़ाई का भी ध्यान रखती हैं। वे परीक्षा के समय बहुत सख्ती से मुझे पढ़ाती हैं और अच्छे अंकों पर मुझे शाबाशी देती हैं। माँ ने मुझे कभी नहीं डाँटा। वे सदा प्यार से ही मुझे समझाती हैं।